दिवाली मनाने की एक नहीं कई है वजह, जानें क्यों अहम है ये दिन
दिवाली (Diwali 2021) का त्योहार गुरुवार को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना के इस दिन पर आज ग्रह नक्षत्रों के विशेष योग बन रहे हैं। जिनमें मां लक्ष्मी की अराधना का विशेष महत्व बताया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दिवाली पर इस बार चतुग्रही योग, प्रीति आयुष्मान योग और स्वाति नक्षत्र का योग है। जिसमें मां लक्ष्मी की पूजा शुभकारी होगी। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन मनाई जाने वाली दिवाली पर प्रदेाष काल और स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन किया जाता है। लिहाजा लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त इस बार शाम 6 बजकर 32 मिनट से लेकर 6 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस काल में प्रदोष काल, वृष लग्न व कुंभ का स्थिर नवांश भी रहेगा।
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ये है मुहूर्त (Diwali Muhutat 2021)
प्रदोषकाल-सायं 5:38 से रात्रि 8:15 बजे तक।
वृष लग्न- सायं 6-20 से रात्रि 8-17 बजे तक।
सिंह लग्न- मध्य रात्रि बाद 12-50 से रात्रि 3-06 बजे तक।
चौघडिय़ा मुहूर्त- अमृत व चर का चौघडिय़ा सायं 5:38 से रात्रि 8:54 बजे तक।
लाभ का चौघडिय़ा- मध्य रात्रि 12:10 से रात्रि 1:48 बजे तक।
शुभ व अमृत का चौघडिय़ा- अंतरात्रि 3:26 से 6:42 बजे तक।
दिवाली लक्ष्मी पूजन का महत्व
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